फर्जी माता-पिता और दस्तावेजों के सहारे ली सरकारी जॉब, अनुकंपा नौकरी पाने के मामले में एक्शन, दो अधिकारी नप गए – took government job with help of fake parents and documents action taken in case of getting compassionate job two officers suspended

फर्जी माता-पिता और दस्तावेजों के सहारे ली सरकारी जॉब, अनुकंपा नौकरी पाने के मामले में एक्शन, दो अधिकारी नप गए – took government job with help of fake parents and documents action taken in case of getting compassionate job two officers suspended


फर्जी माता-पिता और दस्तावेजों के सहारे ली सरकारी जॉब |

रीवा: रीवा में शिक्षा विभाग के दो बड़े अधिकारियों पर गाज गिरी है। कमिश्नर बीएस जामोद ने जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता और योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

यह कार्रवाई अनुकंपा नियुक्ति में गंभीर अनियमितता पाए जाने के बाद की गई है। अधिकारियों पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरियां देने का आरोप है। कलेक्टर रीवा के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियमों के तहत यह निलंबन हुआ है।

दरअसल, अनुकंपा नियुक्ति के 37 मामलों की जांच की गई थी। जांच में पांच मामलों में गड़बड़ी पाई गई। इन मामलों में फर्जी कागजात के आधार पर लोगों को नौकरी दी गई। इसी वजह से कमिश्नर ने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

निलंबन से पहले दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था। लेकिन, उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। इसलिए, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

कमिश्नर ने अलग अलग आदेश जारी कर किया संस्पेंड

कमिश्नर बीएस जामोद ने अलग-अलग आदेश जारी कर दोनों को निलंबित किया। आदेश में कहा गया है कि यह कार्रवाई तत्काल प्रभाव से लागू होगी। निलंबन के दौरान गुप्ता और मिश्रा का मुख्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय रीवा रहेगा।

मतलब, उन्हें रीवा में ही रहना होगा। उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता भी मिलेगा, जो नियमों के अनुसार होगा।

इस नियम के हवाले से कार्रवाई

कमिश्नर ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति में गंभीर अनियमितता पाई गई है। इसलिए, यह कार्रवाई जरूरी थी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर रीवा ने इस मामले में जांच के बाद रिपोर्ट सौंपी थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। निलंबन आदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 का हवाला दिया गया है।

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